क्योंकि मेरा दिल… अभी ज़िंदा है,
महसूस कर सकता हूँ मैं —
ये बादल, ये बारिश, ये पहाड़,
ये नदियाँ, ये हवाएँ…
सब मेरे भीतर उतरते हैं।
पानी की तरह है मेरा दिल —
हरा डालो तो हरा,
काला डालो तो काला।
बताो… तुम्हारे पास कौन-सा रंग है,
जो तुम इसमें घोल सको?
क्योंकि मेरा दिल… अभी ज़िंदा है।
मैं तलाशता रहता हूँ उन लोगों को,
जिनका दिल धड़कनों के पार भी कुछ कहता है,
जो इन छोटी-छोटी चीज़ों को महसूस करते हैं।
उन्हें खुश देखकर अच्छा लगता है,
अपनापन सा लगता है,
सुकून सा लगता है।
बता दो क्या तुम भी महसूस कर सकते हो?
क्योंकि मेरा दिल… अभी ज़िंदा है।
क्यों बात करूँ मैं,
क्यों मिलूँ मैं,
जब जहर मुझे पसंद ही नहीं।
तो एक बार फिर पूछता हूँ —
क्या तुम्हारे पास भी कोई दिल है?
क्योंकि मेरा दिल… अभी ज़िंदा है।
— ✍️ Gajanan 🕊️