अभी खुद से मिलना बाकी है।
ढूँढ रहा हूँ खुद को —
अभी खुद से मिलना बाकी है।
ऐसा नहीं कि नहीं मिला खुद को;
थोड़ा-सा मिला हूँ, ज़रूर,
पर पूरा मिलना अभी बाकी है।
अभी खुद से मिलना बाकी है।
मन के नए धागे बुनने अभी बाकी हैं —
ये तो वक्त की बात है।
अभी खुद से मिलना बाकी है।
— गजानन
बहस मुझे पसंद नहीं
पता नहीं जीतने पर भी क्यों
हारने का एहसास दिलाती है
– गजानन
सच कड़वा ज़रूर होता है
पर सिर्फ़ पहली बार
झूठ तब तक मीठा रहता है
जब तक सच छुपा रहता है
– गजानन
क़बाख़्त ये instinct इतनी बुरी चीज़ है,
मौका ही नहीं देती,
बस झट से react हो जाती है।
– गजानन
जानें लोग क्यों नहीं समझते,
जो वो खोज रहे हैं — सच, भगवान या प्यार,
असल में वो, वो खुद को ढूँढ रहे हैं।
— गजानन