अभी खुद से मिलना बाकी है।
ढूँढ रहा हूँ खुद को —
अभी खुद से मिलना बाकी है।
ऐसा नहीं कि नहीं मिला खुद को;
थोड़ा-सा मिला हूँ, ज़रूर,
पर पूरा मिलना अभी बाकी है।
अभी खुद से मिलना बाकी है।
मन के नए धागे बुनने अभी बाकी हैं —
ये तो वक्त की बात है।
अभी खुद से मिलना बाकी है।
— गजानन
बहस मुझे पसंद नहीं
पता नहीं जीतने पर भी क्यों
हारने का एहसास दिलाती है
– गजानन
सच कड़वा ज़रूर होता है
पर सिर्फ़ पहली बार
झूठ तब तक मीठा रहता है
जब तक सच छुपा रहता है
– गजानन
क़बाख़्त ये instinct इतनी बुरी चीज़ है,
मौका ही नहीं देती,
बस झट से react हो जाती है।
– गजानन
जानें लोग क्यों नहीं समझते,
जो वो खोज रहे हैं — सच, भगवान या प्यार,
असल में वो, वो खुद को ढूँढ रहे हैं।
— गजानन
मन तो बस ख़याल देता है,
जानें लोग क्यों पहले ख़याल को ही
चाहत समझ बैठते हैं।
— गजानन
अकाउंट में पैसा —
सबसे अच्छा।
— गजानन
मैं आईना कभी देखता नहीं,
क्योंकि मुझे पता है —
जो आईने में दिखता है,
वो मैं नहीं हूँ।
— गजानन
सबसे ज़्यादा responsible इंसान
अक्सर अकेला होता है।
— गजानन
सही ख़ुशी उसी में है,
जब अगला जीते,
और तुम भी न हारो।
— गजानन
अगर बात मानने से
वक़्त बच रहा हो,
तो बात मान लेनी चाहिए।
— गजानन
ज़िंदगी में
बदलाव ही
consistent होता है।
— गजानन
नशा हमेशा तुम्हारे लिए था —
न तुम्हारे शरीर के लिए,
न तुम्हारे मन के लिए।
— गजानन
थ्रिल का आधार ही डर है,
जिसे डर ही न हो,
उसे thrill की तलाश क्यों होगी?
— गजानन
सुकून वही है —
जहाँ न आप किसी के सहारे हों,
न कोई आपका सहारा ढूँढ रहा हो।
— गजानन
सुकून वही है —
जहाँ न आप किसी के सहारे हों,
न कोई आपका सहारा ढूँढ रहा हो।
— गजानन
अक्सर लोग ख़ुशी को सुकून समझ बैठते हैं।
ख़ुशी ग़म से उभर कर आती है,
सुकून मन की शांति से।
— गजानन
अक़्सर लोग कुछ पाना चाहते हैं ख़ुशी के लिए,
पर उन्हें पता ही नहीं होता
कि असल में उन्हें चाहिए क्या।
— गजानन
जानें लोग क्यों सब छोड़-छाड़ की बातें करते हैं,
सुकून तो महसूस किया जा सकता है —
जहाँ भी हो, जैसे भी हो।
— गजानन
महसूस की हुई चीज़ें
समझाई नहीं जा सकतीं,
इसीलिए वो महसूस कहलाती हैं।
— गजानन
मन एक अनंत धारा है,
कभी न ख़त्म होने वाली कलम।
— गजानन
हम सब एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं,
कोविड से पूछ लो।
— गजानन
डर भी ज़िंदगी का हिस्सा है,
नमक-सा —
कम हो तो बेस्वाद,
ज़्यादा हो तो ज़हरीला।
— गजानन
ज़िंदगी अनफेयर नहीं है।
एक दरवाज़ा बंद होने पर
दूसरा खोल देती है।
तुम्हें बस मुड़कर जाना होता है।
— गजानन
आप ख़ुशनसीब हो
अगर आपसे कोई प्यार न करता हो।
प्यार अक्सर बदले में
कोई बड़ी चीज़ माँगता है।
— गजानन
क़बाख़्त!
सच्ची मोहब्बत में
हमेशा एक विलेन क्यों होता है?
— गजानन
हर संकट में
एक नया अवसर छुपा होता है।
बस शर्त ये है —
पहले आप ख़ुद को बदलें।
— गजानन
जो दिलों में रौशनी सहन नहीं कर पाते,
उनसे दूर रहना ही अच्छा है।
शायद तुम्हारी दूरी से
उनका बोझ हल्का हो जाए।
— गजानन
प्यार कभी ज़रूरत नहीं था,
ये तो ego से उभरी हुई इच्छा है।
दूसरों को मिला तो मुझे क्यों नहीं।
— गजानन
मुझसे टक्कर लेने की कोशिश मत करना।
और अगर वजह ढूँढोगे,
तो बता दूँ —
मैं उसे बताना भी ज़रूरी नहीं समझता।
— गजानन
अगर इस दुनिया में होकर भी आप न हो
तो समझ लेना
आज़ादी मिल चुकी है।
— गजानन
अधूरी इच्छाएँ,
मन पर ऐसे छा जाती हैं
जैसे बादल सूरज पर।
और शायद यही उनकी फितरत है —
कि उनका कोई स्थायी हल नहीं।
— गजानन
हर बात का जवाब ज़रूरी नहीं होता,
कभी-कभी बस सुन लेना ही काफी होता है।
पर तुम तो बिना समझे
सलाह दे बैठते हो —
और वो भी ग़लत।
— गजानन
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